एक बेहद खुशबूदार लकड़ी है. देश-विदेश में इसकी काफी डिमांड है. चंदन की लकड़ी से परफ्यूम, तेल, इत्र, हवन सामग्री औषधि धार्मिक कार्य खिलौने और आयुर्वेद में भी किया जाता है.
वनीला की खेती
वनीला की खेती
वनीला एक तरह का फल होता है, जिसके बीजों से एसेंस निकाला जाता है. यह एसेंशियल ऑयल ही आइसक्रीम से लेकर केक, मिठाई, पेस्ट्री से लेकर फॉरेन डेजर्ट का स्वाद बढ़ाता है.शुरुआत में मिट्टी की जांच करवाएं और कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार वनीला की खेती करते रहें. यदि आप कांट्रेक्ट फार्मिंग करते हैं, तो वनीला की खेती से ज्यादा मुनाफा शायद ही कोई बिजनेस आपको मिल जाए.
एलोवेरा की खेती
एलोवेरा की खेती
बंजर से बंजर जमीन पर एलोवेरा की फसल बंपर उत्पादन देती है. इसके लिए रेतीली मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है. यही वजह है कि आज के समय में एलोवेरा को कैश क्रॉप की तरह देखा जा रहा है. आप चाहें तो हिमालय हर्बल, पतंजलि या अन्य आयुर्वेदिक कंपनियों के साथ मिलकर एलोवेरा की कॉन्ट्रैक्ट या कमर्शियल फार्मिंग कर सकते हैं.
केसर की खेती
केसर की खेती
पूरी दुनिया में केसर को लाल सोना कहा जाता है. यह सबसे महंगा मसाला है, जिसकी दुनिया भर में काफी डिमांड है. भारत में कश्मीर को केसर का सबसे बड़ा उत्पादक कहा जाता है. लेकिन अब आधुनिक तकनीकों के आ जाने से आप अपने घर के अंदर भी केसर का उत्पादन ले सकते हैं. एक बार बीज डालने के बाद 2 से 3 महीने में केसर की उपज तैयार हो जाती है. देश-दुनिया में डिमांड है, इसलिए मार्केटिंग की चिंता ही नहीं रहती
मशरूम की खेती
मशरूम की खेती
यह ऐसा फल है, जो आपको करोड़पति भी बना सकता है. यह पूरी तरह से निर्भर करता है कि आप मशरूम की कौन-सी वैरायटी उगा रहे हैं. भारत में सफेद बटन मशरूम, ऑयस्टर मशरूम, मिल्की मशरूम, क्रिमिनी मशरूम, शिटाके और पोर्टोबेलो मशरूम आदि काफी फेमस है.
लेमन ग्रास की खेती
लेमन ग्रास की खेती
लेमन ग्रास एक घास है जिसकी खुशबू नींबू जैसी होती है और इसका मार्केट में मांग तेल और चाय के रूप में है। जिसमें आधा लीटर Lemongrass Oil की कीमत 1500 से लेकर ₹2000 तक जाती है उसी के साथ इसके चाय की कीमत 100 ग्राम ₹200 से ₹300 तक मार्केट में बिक रही है ।
ईसबगोल की खेती
ईसबगोल की खेती
भारत में ईसबगोल की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात,हरियाणा और पंजाब में की जाती है | इसका पौधा एक औषधीय पौधा होता है| इसकी खेती कर आप लाखों की कमाई कर सकते है| इसकी खेती करनें के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है। इसकी भूसी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं और यह हमारे पाचनतंत्र के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है |
अश्वगंधा की खेती
अश्वगंधा की खेती
अश्वगंधा के फल के बीज और छाल से अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक दवाईयां बनायीं जाती है| मार्केट में इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है| अश्वगंधा के बीज के अनुकरण में लगभग 7 से 8 दिन का समय लगता है | अश्वगंधा की फसल की कटाई जनवरी से लेकर मार्च तक की जाती है |