बटेर पालन (Quail Farming) कैसे करें | लाइसेंस, कमाई व बटेर पालन के लिए लोन की जानकारी


बटेर पालन (Quail Farming) कैसे करें इससे सम्बंधित जानकारी

बटेर एक जंगली पक्षी है, जिसे Coturnix Quail भी कहते है | यह पक्षी अधिक दूरी तक नहीं उड़ पाते है, जिस वजह से यह भूमि पर ही घोषला बना कर रहते है | इस पक्षी का औसतन वजन 140 – 170 GM होता है | जब बटेर की आयु 7 सप्ताह हो चुकी होती है, तब यह अंडो का उत्पादन देना आरम्भ कर देती है, तथा इसका मांस काफी पौष्टिक एवं स्वादिष्ट होता है | जिस वजह से इसे काफी पसंद किया जाता है | वन्य जीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत बटेर का शिकार करना गैर कानूनी है, किन्तु सरकार बटेर पालन के लिए लाइसेंस उपलब्ध कराती है | जिसे लेकर आप बटेर पालन कर सकते है | बटेर पालन का व्यवसाय कर आप अच्छी कमाई कर सकते है, साथ ही बटेर की घटती संख्या को भी नियंत्रित कर सकते है | इस व्यवसाय को करने में बहुत ही कम लागत आती है, तथा बटेर भी कम समय में तैयार हो जाती है |




आसान रखरखाव और अधिक अंडा उत्पादन के कारण बटेर पालन का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है | देश में मुर्गी पालन, बत्तख पालन के बाद बटेर पालन व्यवसाय तीसरे स्थान पर पहुंच गया है | मुर्गियों के अंडे का वजन उनके शरीर के भार का 3% होता है, जबकि जापानी बटेर के अंडे का भार 8% होता है | यदि आप भी बटेर पालन का व्यवसाय कर अंडे और मांस को क्रय करके अधिक मात्रा में कमाई करना चाहते है, तो इस लेख में आपको बटेर पालन (Quail Farming) कैसे करें, लाइसेंस और कमाई व बटेर पालन के लिए लोन की जानकारी दी जा रही है |

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बटेर पालन कैसे करें (Quail Farming)

यदि आप बटेर पालन का व्यवसाय करना चाहते है, तो उसके लिए आपको एक आवास की व्यवस्था करनी होती है | आप आवास में पिंजरा (Cage) और बिछावन प्रणाली से भी बटेर पाल सकते है | पिंजरा विधि अधिक सुविधाजनक और लाभकारी होती है | दो सप्ताह पुरानी बटेर को पिंजरे में रख सकते है| पिंजरा 3 X 2.5 X 1.5  वर्ग फीट आकार वाला उपयुक्त होता है | व्यवसायिक अंडा उत्पादन के लिए कई पिंजरों की जरूरत होती है, तथा हर पिंजरे में 10 से 12 अंडे देने वाली बटेर को रखे | प्रजनन के लिए तीन नर मादा पक्षियों के साथ एक नर पक्षी को रखे, तथा आवास में ताज़ी हवा और उचित प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए |

चूजा रखे गए आवास में रोशनदान और खिड़कियों का होना बहुत जरूरी होता है, ताकि उन्हें एक सामान हवा और रोशनी मिल सके | बटेर के चूजों को आरम्भ में 29 घंटे प्रकाश की जरूरत होती है | गर्मी की व्यवस्था के लिए बिजली का बंदोबस्त अवश्य रखे | पहले सप्ताह में बिजली ब्रूडर का तापमान 950 फोरेनहाइट होता है, तथा प्रत्येक सप्ताह 50 फोरेनहाइट तापमान कम करते रहे |

बटेर पक्षी की नस्लें (Quail Bird Breeds)

विश्व में बटेर की तक़रीबन 18 नस्लें पाई जाती है, जिसमे से अधिकांश बटेर को भारत की जलवायु में पाला जाता है | कुछ नस्लें ऐसी है, जो अधिक अंडा और मांस उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है | किसान अपनी जरूरत के अनुसार बटेर पालन में किसी भी नस्ल को चुन सकता है |

  • बोल व्हाइट बटेर (Bol White Quail) :- यह एक अमेरिकी नस्ल की बटेर है, जिसे मांस उत्पादन के लिए अच्छा माना जाता है |
  • व्हाइट बेस्टेड बटेर (White Basted Quail) :- यह भारतीय प्रजाति की बटेर है, जिसे मांस उत्पादन के लिए अच्छा माना जाता है |

अधिक अंडे देने वाली नस्लें इस प्रकार है :- इंग्लिश व्हाइट, ब्रिटिश रेंज, मंचूरियन गोलन फिरौन एवं टक्सेडो|

बटेर पालन के लाभ (Quail Farming Benefits)

  • बटेर पक्षी आकार में छोटा होता है, जिस वजह से कम जगह वाले आवास में भी इन्हे पाला जा सकता है |
  • बटेर काफी परिपक्व (Mature) होते है, जिसमे मादा बटेर 6 से 7 सप्ताह बाद अंडे देना आरम्भ कर देती है, तथा 5 सप्ताह की बटेर बेचने लायक हो जाती है |
  • एक मादा बटेर एक वर्ष में तक़रीबन 250 से 300 अंडे दे देती है |
  • बटेर का मांस मुर्गी मांस की तुलना में अधिक स्वादिष्ट होता है, इसमें बहुत कम मात्रा में वसा पायी जाती है, जिस वजह से मोटापा कम बढ़ता है |
  • बटेर पालन के रख रखाव और आहार में बहुत कम लागत लगती है |
  • किसान भाई पशुपालन और मुर्गी पालन के साथ कुछ संख्या में बटेर का पालन कर अपने व्यवसाय को भी बढ़ा सकते है |
  • मनुष्य आहार को संतुलित बनाए रखने के लिए अंडा और मांस की जरूरत होती है, जिस वजह से बटेर का पालन करने से अनेक लाभ होते है |

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बटेर के लिए आहार व्यवस्था (Quail Diet)

बटेर की अच्छी गुणवत्ता के लिए आहार भी अच्छी मात्रा में देना होता है | एक किलो बटेर उत्पादन के लिए दो से ढाई किलो आहार होना चाहिए, ताकि उनके शरीर का विकास और स्वास्थ से अच्छा उत्पादन लिया जा सके | अच्छे से अच्छा संतुलित आहार देकर अधिक लाभ कमाया जा सकता है | एक वयस्क बटेर को एक दिन में तक़रीबन 20-35 GM आहार देना चाहिए | नवजात शिशु को तक़रीबन 27% प्रोटीन तथा व्यस्क के लिए 22 – 24% प्रोटीन जरूरी होता है |

बटेर पालन का लाइसेंस व प्रशिक्षण (Quail Farming License and Training)

भारत में जापानी बटेर का पालन करने के लिए सरकार ने लाइसेंस की अनिवार्यता को हटा दिया है | बरेली के इज्जतनगर में बटेर पालन के लिए केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान का निर्माण किया गया है, तथा यही पर बटेर पालन का प्रशिक्षण भी देते है | इसके अलावा राजस्थान की महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी में भी इसी बटेर पालन पर कई अनुसंधान किए जा रहे है, साथ ही किसानो को बटेर रखरखाव के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है |

बटेर पालन के लिए लोन की जानकारी (Quail Farming Loan Information)

सरकार ने जापानी बटेर के क्षेत्र को बढ़ाने और स्वरोजगार के रूप में हरित योजना को लागु करने की घोषणा की है | जिसके बाद अब इस काम को आरम्भ करने के लिए किसान बैंक या वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर सकेंगे| राजस्थान के महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय में अनुसंधान कर तैयार की गई जापानी बटेर को व्यावसायिक रूप देने के लिए बैंकों तथा नाबार्ड द्वारा किसानो को लोन दिलाया जाएगा |

बटेर पालन से कमाई (Quail Farming Earning)

बटेर के पालन कर आप कम खर्च में काफी अच्छी कमाई कर सकते है | 3 हज़ार बटेर के चूजों को खरीदने में 20 हज़ार रूपए की लागत आएगी | जिन्हे तैयार होने में तक़रीबन 35 से 40 दिन का समय लग जाता है | बाजार में एक बटेर का भाव औसतन 50 रूपए होता है | 3 हज़ार बटेर पालने में लगभग 30 हज़ार रूपए का आहार लग जाता है | इस तरह से कुल खर्च 50 हज़ार रूपए आएगा, और 1.5 लाख की कमाई होगी | इस हिसाब से आप 1 लाख रूपए की सीधी कमाई कर सकते है |

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