पत्थरचट्टा (Patharchatta) का पौधा कैसे लगाएं – पहचान, फायदे और नुकसान


देश के किसानो के मध्य औषधीय पौधों की खेती काफी लोकप्रिय हो रही है | भारतीय किसान औषधीय पौधे उगाकर प्रतिवर्ष लाखो रुपए की कमाई कर रहे है | औषधीय पौधों में एक ऐसा पौधा भी है, जिसे पत्थरचट्टा पौधा के नाम से जानते है | यह गर्म जलवायु में उगने वाला एक बारहमासी सदाबहार पौधा है | पत्थरचट्टा का पौधा देखने में काफी खूबसूरत और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है | इसकी तासीर सामान्य होती है, जिस वजह से इसे किसी भी मौसम में खा सकते है | सामान्य तौर पर किसी भी पौधे को उगाने के लिए बीज की आवश्यकता होती है, किन्तु पत्थरचट्टा के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं है, क्योकि इसे बिना बीज के ही उगाया जाता है |




अगर आप अपने घर में पत्थरचट्टा के पौधे को लगाना चाहते है, तो आप बिना बीज के ही इसे लगा सकते है | आयुर्वेद में पत्थरचट्टा के पौधे की काफी मांग रहती है, जिस वजह से किसान भाई पत्थरचट्टा के पौधों को अधिक मात्रा में लगाकर अच्छी कमाई भी करते है | अगर आप भी पत्थरचट्टा का पौधा लगाना चाहते है, तो इस लेख में आपको पत्थरचट्टा (Patharchatta) का पौधा कैसे लगाएं तथा पहचान, फायदे और नुकसान बताए जा रहे है |

औषधीय पौधों के नाम और उनके उपयोग

पत्थरचट्टा का पौधा कैसे लगाएं (Stonecrop Plant)

पत्थरचट्टा एक ऐसा पौधा है, जिसे उगाने के लिए बीज की आवश्यकता नहीं पड़ती है | इसे पत्तो से ही ऊगा सकते है | अगर आप पत्थरचट्टा के पौधे को लगाना चाहते है, तो इस पौधे को आप छोटे गमलो में भी लगा सकते है | इसके लिए आप एक गमले में मिट्टी भर दे, और उसमे पौधा लगा दे | इसके बाद कुछ दिनों में पत्थरचट्टा का पौधा अपने आप ही उग आता है | इस पौधे की खासियत यह है, कि अगर आप इसका पत्ता मिट्टी में किनारे भी डालेंगे, तो भी यह उग आएगा | आप पत्थरचट्टा के पौधे को टेराकोटा के बर्तनो में लगाए, क्योकि इसके तल में जल निकासी वाले छिद्र होते है |

पत्थरचट्टा की पहचान (Patharchatta Identification)

यह एक सदाबहार पौधा है, जो पूरे भारत में देखने को मिल जाता है | अगर आप पत्थरचट्टा की पहचान करना चाहते है, तो आपको बता दे कि यह देखने में हरे व् लाल रंग का होता है, जो 3 से 4 फ़ीट लंबा खोखला डंठल जैसा होता है | इसके पौधों पर पत्ते थोड़ा मोटे और थोड़ी दूरी पर निकलते है | इसके पत्तो का स्वाद नमकीन और स्वादिष्ट होता है, जिसकी आप सब्जी बनाकर भी खा सकते है |

पत्थरचट्टा के पौधे के लिए मिट्टी (Potting Soil)

पत्थरचट्टा के पौधे को उगाने के लिए नम मिट्टी की जरूरत होती है | नम मिट्टी के ऊपर आपको पत्थरचट्टा का एक पौधा रखना होता है | इसके बाद कुछ ही दिनों में पौधा पूर्ण विकसित हो जाता है | पत्थरचट्टा की खेती आप 20% रेतीली मिट्टी, 20% कोको पीट और 60% दोमट मिट्टी को मिलाकर तैयार मिट्टी में कर सकते है | पत्थरचट्टा का नया पौधा विकसित होकर नम मिट्टी में गिर जाता है, और फिर नया पौधा निकलने लगता है |

पौधे के भाग एवं उनके कार्य

पत्थरचट्टा का फूल और पौधे (Stonecrop Flowers and Plants)

पत्थरचट्टा के पौधों में फूल भी निकलते है, यह मुख्यत: सर्दी और बसंत के मौसम में निकलते है | यह अद्भुत पौधा कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो कई रोगो के लिए लाभकारी है | अगर आप पत्थरचट्टा के पौधे उगाना चाहते है, तो आप इन्हे नर्सरी से ऑनलाइन खरीद सकते है, और फिर पत्तो से जितने चाहे उतने पौधे ऊगा सकते है |

पत्थरचट्टा की खेती में कुछ विशेष बाते (Stonecrop Cultivation Some Special things)

  • पत्थरचट्टा के पौधों को प्रतिदिन न्यूनतम 4 से 5 घंटे धूप की आवश्यकता होती है | यह पौधा अत्यधिक गर्मी को सहन कर लेता है, किन्तु पाले को सहन नहीं कर पाता है, और नष्ट हो जाता है | इसलिए इन्हे घर के अंदर रखे और खेत में शेड के नीचे लगाए |
  • पत्थरचट्टा में पानी डालने के कुछ नियम होते है | गर्मी और बसंत के मौसम में जब 2 से 3 इंच की गहराई तक मिट्टी सूख जाए, तो उसमे पानी डालना चाहिए | विशेषज्ञों की माने तो आपको ब्रायोफिलम के पौधों को फ़िल्टर का पानी देना चाहिए, ताकि पौध विकास अच्छे से हो |
  • पत्थरचट्टा के पौधे का समुचित विकास हो सके, इसके लिए प्रत्येक दो माह के समय में आप एक बार आधा चम्मच बोन मील दे |

पत्थरचट्टा के पौधों में कीट व् रोग की रोकथाम (Stonecrop Plants Pest and Disease Prevention)

पत्थरचट्टा के पौधों का रोग व् कीट से बचाव करना बहुत जरूरी है | अगर आप पत्थरचट्टा के पौधों को संक्रमण से बचाना चाहते है, तो आप भूरे रंग वाले पत्तो को हटा दे | इसके अलावा एफिड्स को भी हाथ से हटाए और अगर पौधा फफूंद से संक्रमित है, तो उसे नियंत्रित करने के लिए पौधे पर पोटेशियम बाइकार्बोनेट का छिड़काव करे |

औषधीय पौधों की खेती कैसे करे

पत्थरचट्टा के फायदे (Patharchatta Benefits)

पत्थरचट्टा में कुछ स्वास्थ्यवर्धक गुण मौजूद होते है, जो कई रोगो का इलाज करने में सहायता करते है | नीचे आपको पत्थरचट्टा के कुछ प्रमुख स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे है:-

किडनी स्टोन को होने से रोकने में सहायक :- पत्थरचट्टा किडनी के लिए काफी लाभदायक औषधि है | विशेषज्ञों द्वारा किए गए कुछ अध्ययन में पता चला है, कि जिन लोगो के गुर्दे में पथरी होने के लक्षण दिख रहे है, उन्हें पत्थरचट्टा का सेवन करना चाहिए |

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक :- पत्थरचट्टा के पत्ते से निकलने वाले रस में एक खास प्रकार का तत्व मौजूद होता है, जो रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करता है | पत्थरचट्टा का नियमित सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है |

त्वचा को स्वस्थ रखे :- पत्थरचट्टा के पत्ते में खास तरह का कंपाउंड होता है, जो शरीर में घाव को ठीक करने की प्रक्रिया को काफी तेज कर देता है | इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण स्किन समस्याओ जैसे :- लालिमा, सूजन व् जलन के लक्षणों को कम कर देता है |

संक्रमण को फैलने से रोके :- कुछ अध्ययन के अनुसार पत्थरचट्टा के पत्तो में एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते है, जो संक्रमण को उत्पन्न करने वाले कारक फंगस और बैक्टीरिया को नष्ट करने की क्षमता रखते है | हालांकि प्रत्येक व्यक्ति के शरीर पर इसका अलग-अलग प्रभाव देखने को मिल सकता है |

पत्थरचट्टा के नुकसान (Patharchatta Side Effects)

कुछ लोगों के लिए पत्थरचट्टा का सेवन हानिकारक होता है | पत्थरचट्टा का सेवन करने से कुछ लोगो में पेट में दर्द, सीने में जलन, जी मिचलाना या उल्टी, दस्त लगना, खट्टी डकार आना या एलर्जी के लक्षण भी देखने को मिल सकते है, जिससे आपको साँस लेने में दिक्कत, त्वचा में लाल चकत्ते, सूजन व् खुजली की समस्या भी हो सकती है |

घर के अंदर लगाने वाले पौधे