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पतंजलि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से सम्बंधित जानकारी
भारत में औषधीय पौधों की बाजार में मांग बहुत अधिक है। विशेष रूप से महामारी के दौरान, लोग इन पौधों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं। इसलिए औषधीय पौधों की खेती का व्यवसाय पहले की तरह फल–फूल रहा है। इस अनोखे कृषि व्यवसाय में कम निवेश की आवश्यकता होती है और लंबी अवधि की कमाई सुनिश्चित होती है। औषधीय पौधों की खेती के लिए न तो बड़े खेत की जरूरत है और न ही निवेश की। आजकल कई कंपनियां औषधीय पौधों की खेती के लिए कॉन्ट्रैक्ट दे रही हैं, जिसमें बाबा रामदेव की विश्व विख्यात आयुर्वेद कम्पनी पतंजलि का नाम भी शामिल है |
इन दिनों पतंजलि के प्रोडक्ट्स की मांग काफी अधिक बढ़ गयी है | जिसे देखते हुए पतंजलि हर्बल खेती को कांट्रेक्ट फार्मिंग की शुरुआत की है | यदि कोई किसान पतंजलि के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करना चाहता है, तो उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर है | [Patanjali Contract Farming] पतंजलि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग क्या है ? इसकी बारें में विधिवत जानकारी देने के साथ ही आपको यहाँ अनुबंध खेती के लिए सम्पर्क कैसे करे ?
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग या अनुबंध खेती क्या है (What is Contract Farming)
अनुबंध खेती किसानों और खरीदारों के बीच उनके उत्पादन के कृषि उत्पादन के लिए एक प्रकार का समझौता है। अनुबंध खेती भी कृषि उत्पाद या उत्पादों के उत्पादन और मार्केटिंग के लिए शर्तें स्थापित करती है। यह अनुबंध आवश्यक शर्तों को निर्धारित करता है, जैसे- कृषि उत्पादों को निर्दिष्ट समय, मात्रा और गुणवत्ता में उत्पादन करना। किसान को क्रेता द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करना होता है और क्रेता बदले में उक्त उत्पादन को खरीदने के लिए प्रतिबद्ध होता है और आवश्यक कृषि इनपुट, भूमि की तैयारी और तकनीकी सलाह के प्रावधान की आपूर्ति करके किसान की सहायता करता है। अनुबंध खेती में सरल खरीद समझौते, ढीली खरीद व्यवस्था, और इनपुट प्रावधान के साथ पर्यवेक्षित उत्पादन शामिल है जिसमें ऋण और जोखिम कवरेज शामिल है।
अनुबंध खेती की अवधारणा भारत के लिए नई नहीं है, यह ब्रिटिश शासन के बाद से प्रचलित है, स्वतंत्रता के बाद भी बीज और गन्ना, दूध, टमाटर और चिनार के वाणिज्यिक उत्पादन में अनुबंध खेती का अभ्यास किया गया था। 1988 में, विरोध के बावजूद भारत ने पेप्सिको को राज्य के स्वामित्व वाले पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन के साथ एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से पंजाब में कुछ बागवानी फसलों की खरीद और प्रसंस्करण करने की अनुमति दी। इस उद्यम को बाद में अनुबंध कृषि प्रणाली के अंतर्गत टमाटर के उत्पादन तक बढ़ा दिया गया। इन उपायों से भारत में अनुबंध खेती का विस्तार हुआ।
पतंजलि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग क्या है (Patanjali Contract Farming in Hindi)
भारत के साथ-साथ दुनिया के कई अन्य देशों में पतंजलि के प्रोडक्ट्स की डिमांड निरंतर बढ़ती जा रही है| जिसे देखते हुए इस कम्पनी नें पतंजलि हर्बल खेती (Patanjali Herbal Farming) के लिए कॉन्ट्रैक्ट या अनुबंध खेती करने का निर्णय लिया है | दरअसल पतंजलि योगपीठ की ओर से एलोवेरा, तुलसी और मोगरा आदि जड़ी-बूटियों की के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है, जिसके लिए किसान भाई उसमें भागीदार बन सकते है और अनुबंध पर खेती कर कृषक अन्य फसलों की अपेक्षा अच्छी आय अर्जित कर सकते है |
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पतंजलि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कैसे करे (How to do Patanjali Contract Farming)
यदि कोई किसान पतंजलि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में हिस्सेदार बनना चाहता है, तो इच्छुक किसान पतंजलि आयुर्वेद कम्पनी की अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर अपनी और खेती से जुड़ी सभी जानकारियां लिखकर सबमिट कर सकते है | किसान भाइयों का आवेदन और सम्बंधित क्षेत्र का चयन आने पर कम्पनी आपसे संपर्क कर अपनी फसलों की खेती करेगी |
यहाँ दिए गये फॉर्मेट में इच्छुक किसानों को अपना नाम, संपर्क नंबर, शिक्षा, आयु, भूमि का स्थान, खेत के नजदीक सड़क या राजमार्ग आदि जानकारियां भरनें के बाद सबमिट कर सकते है |
सबसे लाभदायक औषधीय पौधे (Most Beneficial Medicinal Plants)
अधिकांश हर्बल पौधे जैसे तुलसी, आर्टेमिसिया एनुआ, लीकोरिस, एलोवेरा आदि बहुत कम समय में तैयार हो जाते हैं। इनमें से कुछ पौधे छोटे गमलों में भी उगाए जा सकते हैं। इन दिनों देश में बहुत सी दवा कंपनियां फसलों की खरीद के लिए कॉन्ट्रैक्ट देती हैं, जिससे कमाई सुनिश्चित होती है।
तुलसी आमतौर पर धार्मिक मामलों से जुड़ी होती है, लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी की खेती से कमाई की जा सकती है। तुलसी कई प्रकार की होती है, जिसमें यूजेनॉल और मिथाइल सिनामेट होता है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए इनके इस्तेमाल से दवाएं बनाई जाती हैं। 1 हेक्टेयर भूमि पर तुलसी उगाने में केवल 15k रुपये का खर्च आता है, और आप केवल 3 महीने की अवधि में 3 लाख रुपये तक की अच्छी कमाई कर सकते हैं।
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अनुबंध खेती के लिए सम्पर्क कैसे करे (How to Contact for Contract Farming)
इच्छुक किसान भाइयों को सबसे पहले इसकी ऑफिशियल वेबसाइट https://patanjaliayurved.org/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा| यदि इसमें किसी प्रकार की समस्या आ रही है, तो आप संस्थान द्वारा दिए गये संपर्क नंबर पर कॉल कर अपनी समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकते है | यह नंबर इस प्रकार है-
- 0133-265370, 1800 180 4108
कार्पोरेट कार्यालय का पता (Corporate Office Address)
- पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड यूनिट – III
- ग्राम- पडार्थ, लक्सर रोड, हरिद्वार 249404, उत्तराखंड – 247663
रजिस्टर्ड ऑफिस का पता (Registered Office Address)
डी-26, पुष्पांजली, बिजवासन एन्क्लेव, नई दिल्ली 110061
भारत – फ़ोन 0133-265370
टेलीफ़ोन- 1800 180 4108
अनुबंध खेती की पेशकश करने वाली कंपनियां (Companies Offering Contract Farming)
तुलसी की खेती भी पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ आदि आयुर्वेद की दवा बनाने वाली कंपनियां कर रही हैं। जो अपने ही माध्यम से फसल खरीदते हैं। तुलसी के बीज और तेल का बड़ा बाजार है। तेल और तुलसी के बीज हर दिन नए रेट पर बिकते हैं।
औषधीय पौधों की खेती का प्रशिक्षण (Training of Medicinal Plant Cultivation)
औषधीय पौधों की खेती के लिए जरूरी है, कि आपके पास अच्छी ट्रेनिंग हो। लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट (CIMAP) इन पौधों की खेती के लिए प्रशिक्षण प्रदान करता है। सीआईएमएपी के माध्यम से फार्मास्युटिकल कंपनियां भी आपके साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करती हैं, इसलिए आपको इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा।
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