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मिट्टी के बर्तन से सम्बंधित जानकारी
यदि आप चाय पीने के शौक़ीन है, तो स्वाभाविक रूप से आपनें कुल्हड़ में चाय अवश्य पी होगी | इसके अलावा आपने मिट्टी से निर्मित छोटी-छोटी प्लेटो में बर्फ वाली आइस्क्रीम भी खाई होगी | यदि नही तो, आपने कभी न कभी मिट्टी से बनें मटके का पानी अवश्य पिया होगा | आपने देखा होगा, कि मटके का पानी का स्वाद ही कुछ अलग होता है | जहां पहले लोग मिट्टी के बरतन में खाना बनाना और खाना पसंद करते थे, वहीँ आज मिट्टी के बर्तनों का उपयोग न के बराबर किया जाता है |
दरअसल आज के आधुनिक युग में मिट्टी के बर्तनों की जगह प्लास्टिक से निर्मित बर्तनों ने ले ली है | हम सभी जानते है, कि मिट्टी के बर्तन कुम्हार द्वारा चाक की सहायता से बनाये जाते है, लेकिन आज के दौर में यह सभी कार्य मशीनों द्वारा किये जानें लगे है | मिट्टी के बर्तन कैसे बनते हैं? इसके विषय में जानकारी देने के साथ ही आपको यहाँ मिट्टी के बर्तन बनाने वाली मशीन – कीमत व बर्तन बनाने की विधि के बारें में बताया जा रहा है |
मिट्टी के बर्तन कैसे बनते हैं (How Pottery is Made)
मिट्टी के बर्तन बनानें का कार्य कुम्हार द्वारा किया जाता है | आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि कुम्हार शब्द कुंभ+ कार इन 2 शब्दों से मिलकर बना है | जिसमें से कुंभ का अर्थ घड़ा और कार का मतलब कारीगर अर्थात घड़ों के कारीगर | कुछ स्थानों पर आज के आधुनिक दौर में भी मिट्टी के बर्तन कुम्हार अपनें हाथों द्वारा चाक की सहायता से बनाते है | चूँकि आज के तकनीकी युग में मिट्टी के बर्तनों के बनाने की आधुनिक मशीनें मार्केट में उपलब्ध है | यही कारण है, कि कुम्हार के द्वारा हाथ से बनाए गए बर्तनों की कला धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है। यदि हम मिट्टी के बर्तनों के बनानें की बात करे, तो मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की चीजों की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार है-
अच्छी मिट्टी का चयन करना (Choosing Good Soils)
मिट्टी के बर्तन बनानें के लिए सबसे आवश्यक चीज अच्छी मिट्टी है | यदि मिट्टी अच्छी नहीं होगी, तो मिट्टी के बर्तन सही से नहीं बनेंगे | यदि आप मिट्टी के बर्तन बनानें के बारें में सोंच रहे है, तो सबसे पहले आपको मिट्टी का सही सिलेक्शन करना आना चाहिए ताकि आपके बर्तन अच्छे बने |
मिट्टी के बर्तन बनानें के लिए कुम्हार अधिकांशतः मिट्टी तालाब से खोद कर लाते हैं। सही मिट्टी का चयन और इसके परिक्षण के लिए वह मिट्टी के ढेले पर पानी डालते हैं। यदि मिट्टी के ढेले पर पानी के डालते ही वह बहनें लगता है, तो इस प्रकार की मिट्टी को बर्तन बनानें के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती है | यदि मिट्टी पर पानी डालनें के बाद वह नही गलती है, तो ऐसी मिट्टी को बर्तन बनाने के लिए अच्छी मानी जाती है |
मिट्टी को बर्तन बनानें योग्य तैयार करना (Prepare the Soil to be Potable)
सबसे पहले कुम्हार मिट्टी से कंकड-पत्थर और विभिन्न प्रकार की चीजें निकालकर मिट्टी को छानते है | इसके बाद मिट्टी के अनुसार उसमें रेत मिलायी जाती है | दरअसल मिट्टी में रेत का मिश्रण करनें से मिट्टी की पानी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और हांडी बनाने में फटती नहीं है।
चाक से बर्तन बनानें का कार्य (The Act of Making Dishes Out of Chalk)
कुम्हार का चाक लकड़ी का बनाया जाता है और यह चाक एक बैलगाड़ी के पहिये जैसा होता है। इसके बीच का भाग एक विशेष प्रकार की मजबूत लकड़ी से बने जाता है | ज्यादातर चाक बनानें में सर्गी की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है क्योंकि सर्गी की लकड़ी काफी मजबूत माना जाता है | ज्यादातर कुम्हार चाक का निर्माण स्वयं ही करते है और चाक की परिधि बांस की खपच्चीयों पर मिट्टी चढ़ा कर बनाई जाती है। जब यह थोड़ा सूखनें लगता है, तब इस पर रस्सी लपेटी जाती है ताकि मिट्टी बाहर न निकलनें पाए | इसके पश्चात एक बार पुनः इस पर मिट्टी चढ़ाकर उस पर गोबर मिली मिट्टी को लीपकर सुखा लिया जाता है।
इस तरह से चाक तैयार करनें के बाद उसे उपयोग में लानें से पहले उसका परीक्षण किया जाता है। इसे धुरी पर घुमाकर देखा जाता है, यदि की यह समतल घूम रहा है या नही | यदि चाक समतल नहीं घूमता है, तो जहां मिट्टी कम लगी होती है वहां और मिट्टी लगायी जाती है और जिस स्थान पर मिट्टी अधिक लगी होती है, वहां से निकाल दी जाती है | यह कार्य तब तक किया जाता है, जब तक चाक समतल नहीं घूमनें लगता है |
मिट्टी के बर्तनों का साइज़ (Size of Pottery)
आपने मार्केट में देखा होगा, कि आपको मिट्टी से बनें हुए अलग-अलग तरह के बर्तन देखनें में बहुत ही आकर्षक लगते है | सबसे खास बात यह है, कि ग्रहक इसे काफी पसंद करते है | दरअसल मिट्टी के बर्तनों में यह सुन्दरता में कुम्हार के चाक का कमाल होता है | अभी तक कुम्हार हाथ से चाक घुमाकर बर्तन बनाते थे लेकिन आज के आधुनिक युग में बर्तनों को बनानें के लिए कुम्हार इलेक्ट्रिक चाक का उपयोग करनें लगे है |
मिट्टी के बर्तनों को सुखानें का कार्य (The Act of Drying the Pottery)
मिट्टी के बर्तनों को बनानें के बाद अगला चरण उन्हें सुखानें का होता है। इस बर्तनों को सुखानें के लिए कुम्हार उन्हें धूप में उस समय तक रखते है, जब तक कि वह पूरी तरह से सूख नही जाते है | बर्तनों को अच्छी तरह से सुखानें के बाद अगला चरण उन्हें आग में पकानें का होता है |
मिट्टी के बर्तनों को पकानें का कार्य (Cook Pottery The Act of Cooking)
मिट्टी के बर्तन सूखने के बाद उन्हें उपयोग में लानें से पहले उन्हें आग में पकाना होता है | आग में पकाने के बाद आप इन बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते है | मिट्टी के सूखे हुए बर्तनों को पकनें के लिए उन्हें भट्टी में डाला जाता है | बर्तनों को भट्टी में पकाने के बाद इन्हें मार्केट में बिक्री के लिए भेज दिया जाता है |
मिट्टी के बर्तन बनाने वाली मशीन (Pottery Making Machine)
आज के आधुनिक दौर में मशीन से रोटी बनानें से लेकर मिट्टी के बर्तन आदि को बनानें का कार्य मशीनों मशीनों द्वारा किया जा रहा है| वैसे तो मार्केट में मिट्टी के बर्तन बनानें वाली विभिन्न प्रकार की मशीनें उपलब्ध है | आप आपने कार्य के अनुसार छोटी या बड़ी मशीन मार्केट से बड़ी आसानी से खरीद सकते है | यहाँ तक कि आप यह मशीनें अमेजन, फ्लिप्कार्ट आदि पर भी बुक कर घर बैठे डिलीवरी प्राप्त कर सकते है |
मिट्टी के बर्तन बनाने वाली मशीन की कीमत (Pottery Making Machine Price)
वैसे तो मार्केट में उपलब्ध मशीनों की कीमत उनके कार्य क्षमता के अनुसार अलग-अलग होते है | यहाँ आपको जिस मशीन को दिखाया गया है, यह मशीन SKYTOU कम्पनी की है | इसकी दी गयी इलेक्ट्रिक मोटर 350W की है और इस मशीन की कीमत 49 हजार 394 रुपये है |
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