जमीन होने के बावजूद देश के बहुत से किसान उस पर खेती नहीं कर पाते है, क्योकि उन्हें भूमि को उपजाऊ बनाने के बारे में जानकारी नहीं होती है | वर्तमान समय में खेती करने में कई तरह के हानिकारक रसायनो का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे भूमि की उवर्रक क्षमता कम होने लगती है, और भूमि बंजर हो जाती है | इसका सीधा असर फसल की पैदावार पर पड़ता है | मिट्टी चाहे खेत की हो या गमले की यदि मिट्टी उपजाऊ नहीं है, तो उसमे न तो कोई फसल उगाई जा सकती है, और न ही कोई पेड़ पौधा उगाया जा सकता है | इसलिए बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कर रहते है, जिसके लिए सरकार भी उनकी मदद करती है, ताकि किसानो को उनकी भूमि उपजाऊ बनाने में सहायता की जा सके, और फिर वह अपनी भूमि में अच्छे से खेती कर सकते है |
वैसे तो वर्तमान में भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए तरीके मौजूद है, जिसका इस्तेमाल कर किसान भाई अपने बंज़र खेत को भी उपजाऊ बना सकते है| अगर आप भी अपनी बंजर भूमि पर खेती करना चाहते है, तो इस लेख में आपको बंजर जमीन पर खेती कैसे करें तथा बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने का तरीका बताया जा रहा है |
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बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने का तरीका (Make Barren Land Fertile)
किसी भी बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए उसमे नाइट्रोजन, बोरोन, पोटेशियम, फास्फोरस, जिंक, कॉपर और आयरन की आवश्यकता होती है | इसके अलावा कंपोस्ट खाद गोबर की खाद, मुर्गियों की खाद व् हरी खाद का भी इस्तेमाल किया जाता है | इसके अलावा भी कई तरीके है, जिनका इस्तेमाल कर आप अपनी बंजर भूमि को भी उपजाऊ बना सकते है, नीचे आपको खेत की भूमि को उपजाऊ बनाने के तरीके बताए जा रहे है:-
हरी खाद का इस्तेमाल कर मिट्टी जो उपजाऊ बनाए (Using Green Manure to make the Soil Fertile)
ढैंचा की फसल :- खेत की मिट्टी को अधिक समय तक उपजाऊ बनाए रखने के लिए ढैंचा की फसल उगाए | बुवाई करने के 40 से 45 दिन पश्चात् जब पौधे थोड़ा बड़े हो जाए, तो पौधों के बीच में हासिए से कटाई कर ले, और फिर बाद में खेत की रोटावेटर से जुताई कर दें | जुताई के बाद खेत की मेड़बंदी करके उसमे पानी लगा दें, और 80 KG यूरिया को प्रति एकड़ के खेत में डालें | यूरिया हरी खाद को कम समय से अच्छे से सड़ा देती है, साथ ही आप खेत में 4 से 5 दिन तक पानी भरा रहने दें |
सनई का उपयोग करे :- बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए आप ढैंचा की तरह ही सनई की हरी खाद का इस्तेमाल कर सकते है | इसके लिए आप जून के महीने में ख़ाली पड़े खेत में सनई की बुवाई कर दें | इसके बाद जब 30 से 35 दिन हो जाए, तो उसकी रोटावेटर से जुताई कर दें | इसके बाद यूरिया की टापड्रेसिंग करके पानी लगा दें |
खेत में बचे फसल व् सब्जियों के अवशेषों की जुताई (Crops and Vegetables Plowing in Field)
पहले के समय में जब जुताई के लिए रोटावेटर जैसी मशीने नहीं हुआ करती थी, तब किसान फल, सब्जी व् अन्य अनाज वाली फसलों की कटाई व् तुड़ाई करने के बाद फसल के बाकि बचे अवशेषों को खेत में जला देते थे | आज के समय में भी कुछ किसान ऐसे है, जो खेत में ही फसल के अवशेष जला देते है, लेकिन ऐसा करने से खेत की उवर्रक क्षमता ख़त्म हो जाती है | इसलिए फसल के बचे हुए अवशेष जैसे :- मक्का का पौधा, टमाटर, गेंदा का पौधा, खीरा, लौकी, मूंग, गोभी, उड़द व् नेनुआ के पौधों की कटाई व् तुड़ाई करके उनके अवशेषों को जलाने के बजाए, उनकी रोटावेटर से जुताई कर दें, ताकि भूमि को बंजर होने से बचाया जा सके |
बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए करे देशी खाद का उपयोग (Barren Land Fertile Use Country Manure)
उपजाऊ भूमि के लिए गोबर की खाद :- इसमें आपको गाय, बैल या भैंस के गोबर को एक गढ्ढा तैयार करके उसमे एकत्रित कर लेना होता है | इसके बाद एकत्रित गोबर की समय – समय पर सिंचाई करते रहे, और जब 4 से 5 महीने में गोबर अच्छी तरह से सड़ जाए, तो उसे ख़ाली पड़े खेत में डालकर उसकी मिट्टी पलटने वाले हल से अच्छी तरह से जुताई कर दें |
मुर्गियों की खाद :- किसान भाई मुर्गी फार्म से निकलने वाले मुर्गियों के मल मूत्र को भी देशी खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते है | लेकिन किसानो की गलती यह होती है, कि वह खाद को फार्म से निकालते ही खेत में फैला देते है, जबकि फार्म से तुरंत निकाली गई खाद कच्ची होती है | खेत में कच्ची देशी खाद डालने से उसमे दीमक व् मिट्टी के कीड़े पनपने लगते है, जो उपजाऊ भूमि के लिए बिल्कुल अच्छे नहीं होते है | इसलिए फार्म से निकाली गई मुर्गी खाद को तक़रीबन 6 माह तक अच्छे से सड़कर तैयार होने दें | इसके बाद ही खेत में इस खाद को डालें |
बकरी और भेंड़ की खाद :- खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए आप भेड़ व् बकरी की खाद का भी इस्तेमाल कर सकते है | गांव में रहने वाले किसान अपने ख़ाली पड़े खेत में रात के समय भेड़ और बकरियों के झुंड को छोड़ देते है, जिससे रात भर उनके द्वारा किया जाने वाला मल मूत्र देशी खाद के रूप में कार्य करता है |
नीम की खली :- पौधों के लिए नीम की खली खाद की तरह काम करती है | नीम की खली मिट्टी में डालने से मिट्टी अधिक उपजाऊ हो जाती है, साथ ही मिट्टी में मौजूद कीड़े मकोड़े भी दूर हो जाते है | इसके लिए आप एक बीघा खेत की गहरी जुताई करे, उसके बाद उसमे 50 से 70 KG नीम की खली डालें | यह आपके खेत की मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाएगा |
सरसों की खली :- खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए सरसो की खली का भी इस्तेमाल कर सकते है | सरसो की खली मिट्टी को उपजाऊ बनाने के साथ ही मिट्टी को अनेक रोग व् कीटो से छुटकारा दिलाने का भी काम करती है | सरसो की खली को आप जहाँ पर सरसो का तेल निकाला जाता है, वहां से प्राप्त कर सकते है |
बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए ह्यूमिक एसिड का इस्तेमाल करे (Barren Land Fertile Use Humic Acid)
ह्यूमिक एसिड क्या है (Humic Acid)
डॉक्टर एस. के. सिंह बताते है, कि ह्यूमिक एसिड एक बहुत ही उपयोगी खनिज प्रदार्थ है, जिसका उपयोग कर बंजर भूमि को भी उपजाऊ बना सकते है | यह भूमि में नमी बनाए रखने के साथ ही खाद को मिट्टी में अच्छी तरह से घोलकर पौधों की जड़ तक पहुंचाता है |
ह्यूमिक एसिड बनाने की विधि (Humic Acid Preparation Method)
ह्यूमिक एसिड बनाना काफी सरल है | डॉक्टर एस के सिंह कहते है, कि ह्यूमिक एसिड किसानो को बनाना आना चाहिए, क्योकि इससे वह अधिक कमाई कर सकते है | ह्यूमिक एसिड को तैयार करने के लिए तक़रीबन 2 वर्ष पुराने गोबर के कंडे या उपलों को एक 50 लीटर क्षमता वाले ड्रम में भरे दें | इसके बाद इस ड्रम में कंडे भरने के बाद 25 से 30 लीटर पानी भरकर 7 दिनों के लिए ढक कर छोड़ दें | 7 दिन बाद जब ड्रम का पानी लाल से गहरे भूरे रंग में बदल जाए, तो ड्रम से सभी कंदो को निकाल दें, और पानी को एक कपड़े से छान ले | अब इस पानी को ह्यूबिक एसिड के तौर पर इस्तेमाल कर सकते है |
ह्यूमिक एसिड उपयोग करने का तरीका (Humic Acid Use Method)
- ह्यूमिड एसिड का इस्तेमाल करने के लिए आप पहले ड्रम से निकालें गए पानी को मिट्टी में मिला दें |
- कीटनाशक में पानी को मिलाकर उसका छिड़काव फसलों पर करें |
- ह्यूमिक एसिड को रासायनिक उवर्रक में मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते है |
- ड्रिप सिंचाई के साथ भी ह्यूमिक एसिड का इस्तेमाल किया जा सकता है |
ह्यूमिक एसिड तरल 12% W/W के लाभ (Humic Acid Liquid 12% W/W Benefits)
आप ह्यूमिक एसिड तरल 12% W/W को बाजार से भी खरीद सकते है, ताकि ह्यूमिक एसिड का इस्तेमाल आसानी से किया जा सके| इसके फायदे निम्नलिखित है:-
- यह पौधों में मौजूद एंजाइम और हार्मोन को उत्तेजित करता है |
- यह श्वसन, द्वितीयक और तृतीयक के जड़ो का गठन करता है |
- यह पौधों की जड़ व् पत्तियों द्वारा सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाता है |
- पौधों में विटामिन की मात्रा बढ़ाता है |
- प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को बढ़ाता है |
- मिट्टी को अधिक भुरभुरा करता है |
- मिट्टी की वातन और जल धारण क्षमता को बढ़ाता है |
- पौधों में पोषण तत्वों के अवशोषण की क्षमता को बढ़ाता है |
खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने का तरीका क्या है ?
सनई की खाद, ढैंचा की बुआई, गोबर की खाद का उपयोग, मुर्गी खाद का उपयोग, खेत में फसल के बचे अवशेषों की जुताई या ह्यूमिक एसिड का इस्तेमाल कर खेत की मिट्टी को उपजाऊ बना सकते है |
भूमि की उर्वरता को बढ़ाने के लिए कौन सी फसल उगाए ?
भूमि की उवर्रकता को बढ़ाने के लिए बाजरा, लोबिया, ढैंचा, मक्का, मूंग, सनई, ग्वार व् अन्य फसल चक्र अपनाकर बुवाई करें |