मांगुर मछली पालन कैसे करें | मांगुर मछली का उत्पादन और लागत की जानकारी


मांगुर मछली (Mangur Fish) से सम्बंधित जानकारी

आज के समय में मछली पालन किसानो के लिए एक लाभकारी व्यवसाय बन गया है | किसान भाई कम जगह में मछली पालन कर अच्छी कमाई भी कर रहे है | इसके अलावा केंद्र व् राज्य सरकारे मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की योजनाए भी चला रही है | ऐसे में किसानो के मन में यह सवाल होता है, कि उन्हें किस तरह की मछली का पालन करना चाहिए, ताकि वह अच्छा मुनाफा कमा सके | ऐसे में मांगुर पछली का पालन आपके लिए एक अच्छा विकल्प है | यह मीठे पानी वाली मछली होती है, जो कैट फिश प्रजाति की कहलाती है | मांगुर मछली कम पानी में भी अधिक समय तक जीवित रह सकती है |




जिस वजह से यह मछली आपको बाजार में हमेशा जीवित और ताज़ा मिल जाएगी | इसी गुण की वजह से मांगुर मछली की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है| मछली उत्पादन के मामले में भारत को विश्व में पहला स्थान प्राप्त है| अगर आप भी मांगुर मछली पालन कर अधिक लाभ कमाने की सोच रहे है, तो यहाँ पर आपको मांगुर मछली पालन कैसे करें, मांगुर मछली का उत्पादन और लागत की जानकारी दी जा रही है|

मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण कैसे करें ?

मांगुर मछली किसे कहते है (Mangur Fish)

मांगुर मछली को वाकिंग फिश भी कहते है | क्योकि यह खाने की तलाश में जमीन पर चल भी सकती है | इसके चलने को हिलना-डुलना (Wiggling) भी कह सकते है | मांगुर मछली एक जल स्त्रोत से दूसरे स्त्रोत में आती जाती रहती है | इसके शरीर पर कुछ खास तरह के पंख (Fins) पाए जाते है, जिन्हे Caudal Fin, Pelvic Fin और Anal Fin कहते है | इसकी ऊपरी परत हल्की सफेदी और कालापन लिए हुए स्लेटी (Gray) कलर की होती है | मांगुर मछली के गिल में सांस लेने की खास विशेषता होती है, जिस वजह से यह पानी के बाहर भी सांस लेकर 1 दिन तक जीवित रहने में सक्षम होती है | मांगुर मछली का जीवन काल अधिकतम 1 वर्ष का होता है, क्योकि इससे पहले ही इन्हे खाने के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता है | किन्तु अगर इन्हे पाला जाए तो यह 10 वर्ष तक भी जीवित रह सकती है |

मांगुर मछली की विशेषताएं (Mangur Fish Features)

  • मांगुर मछली में प्रोटीन और आयरन अधिक मात्रा में होता है |
  • यह मछली कम ऑक्सीजन और कम गहराई वाले स्थान में भी जीवित रह सकती है |
  • इसमें वसा की मात्रा कम होती है |
  • मांगुर मछली का परिवहन (Transportation) काफी आसान होता है |

मांगुर मछली पालने के फायदे (Mangur Fish Farming Benefits)

  • मांगुर मछली दलदली, उथले, कम पानी और प्रतिकूल वातावरण में अच्छे से वृद्धि कर लेती है |
  • पानी में ऑक्सीजन की कमी होने पर भी इन्हे किसी तरह की समस्या नहीं होती है |
  • अन्य मछलियों की तुलना में मांगुर मछली के पालन और प्रबंधन में कम खर्च आता है |
  • दूसरी मछलियों के मुकाबले मांगुर मछली का दाम बाजार में काफी अच्छा मिल जाता है |

मांगुर मछली के लिए तालाब का निर्माण (Mangur Fish Pond Construction)

मांगुर मछली पालन आरम्भ करने के लिए आपको एक तालाब का निर्माण करना होता है, जिसके लिए दोमट मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है | तालाब बनाने से पहले उसकी मिट्टी का परीक्षण करवा ले | तालाब के लिए स्थान का चुनाव करने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखे कि तालाब तक आने-जाने में किसी तरह की समस्या न ही, साथ ही तालाब पर बाढ़ का असर न पड़े | इसके अलावा पानी की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि तालाब को जरूरत पड़ने पर सरलता से खाली और भरा जा सके, इससे तालाब के पानी में कीटाणु रोग नहीं पनप पाते है | तालाब की मिट्टी का अम्लीय और क्षारीय पी.एच. मान 7 से 8 के मध्य होना चाहिए, तथा तालाब में मौजूद अवांछित मछलियों के निपटारे के लिए 2500 KG महुआ खाली का इस्तेमाल प्रति हेक्टेयर के तालाब में करे |

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मांगुर मछली पालन में पानी की गुणवत्ता (Mangur Fishery Water Quality)

मछली पालन के लिए तालाब में हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले पानी का इस्तेमाल करे | इसके लिए जल का P.H. मान 7 से 8.5 तक हो | इसके अलावा पानी की पारदर्शिता 35 से 40 CM होनी चाहिए, तथा तापमान 21 से 31 डिग्री तक हो | पानी में घुलनशील आक्सीजन की मात्रा प्रति लीटर 5 से 7 MG होनी चाहिए | तालाब के पानी की गहराई 0.75 – 1 मीटर पर्याप्त होती है |

मांगुर मछली पालन में आहार (Mangur Fish Farming Diet)

मांगुर मछली मांसाहारी होती है, जिस वजह से इसे आहार के रूप में मछलियों का चूरा, सूखी मछली, लार्वा, केकड़ावंशी प्राणी और कीट पतंगे देना होता है | आप इन्हे सरसो की खली और चावल के कन भी दे सकते है, इसे भी यह अच्छे से खा लेती है | मांगुर के लिए आदर्श भोजन सूखी मछलिया होती है, क्योकि इनमे काफी प्रोटीन होता है |

मांगुर मछली के शिशु की प्राप्ति (Mangur Fish Hatchlings)

मांगुर मछली का उत्पादन बीज के रूप में उसके शिशुओं द्वारा किया जाता है | इन बीज शिशुओं को आप बिहार, असम और पश्चिम बंगाल राज्यों से आसानी से मंगवा सकते है | इसके अलावा शिशुओं को तालाबों और छोटे तालाबों से भी प्राप्त कर सकते है | मांगुर शिशु के 8-10 दिन पश्चात् 3 से 5 GM हो जाने पर उन्हें तालाब में स्थानांतरित कर देना उचित होता है | प्रति हेक्टेयर आकार वाले तालाब में तक़रीबन 50 से 70 हज़ार मांगुर शिशुओं की जरूरत होती है |

मांगुर मछली का उत्पादन और लागत (Mangur Fish Production and Cost)

मांगुर मछली को 100 से 150 GM वजन पाने में तक़रीबन 10 से 12 महीने का समय लग जाता है, चूंकि अन्य प्रजातियों की तुलना में मांगुर मछली का बाज़ारी भाव काफी अच्छा होता है | इसलिए इसका फुटकर भाव 200 से 300 रूपए प्रति होता है | एक हेक्टेयर के तालाब से तक़रीबन 2 से 3 टन मांगुर मछली का उत्पादन मिल जाता है | इस हिसाब से किसान भाई प्रति हेक्टेयर के तालाब में मांगुर उत्पादन से 6 से 8 लाख रूपए की बढ़िया कमाई कर सकते है | प्रति हेक्टेयर के तालाब में मांगुर मछलियों को पालने में 2.50 से 4 लाख की लागत आ जाती है | यदि लागत निकाल दी जाए तो आप मांगुर मछली पालन से 3 से 5 लाख रूपए की सीधी कमाई कर सकते है |

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