हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करें | Hydroponic Farming in Hindi | ट्रेनिंग व लाभ


हाइड्रोपोनिक्स खेती (Hydroponic Farming) से सम्बंधित जानकारी

कृषि के क्षेत्र में फसल की उपज और पैदावार को बढ़ाने के लिए हर रोज नए तरह के अविष्कार हो रहे है| साथ ही कई नई तकनीकों का इस्तेमाल भी बहुत तेजी से हो रहा है| ऐसी ही तकनीक में हाइड्रोपोनिक खेती भी शामिल है| हाइड्रोपोनिक खेती से हो रहे मुनाफे को देखते हुए कृषको का रुझान हाइड्रोपोनिक खेती की ओर देखने को मिल रहा है, किसान पारम्परिक खेती को छोड़ इसकी और ज्यादा आकर्षित हो रही है|




पहले के समय में शायद ही किसी ने सोचा होगा कि बगैर मिट्टी के भी खेती की जा सकती है, लेकिन हाइड्रोपोनिक तकनीक ने इसे मुमकिन कर दिखाया है, जिससे अब बिना मिट्टी का इस्तेमाल किये भी अच्छी फसल पैदा की जा सकती है| यदि आपको इस तरह की तकनीक में बारे में कोई जानकारी नहीं है तो आप हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करें, Hydroponic Farming in Hindi ट्रेनिंग व लाभ से जुडी जानकारी इस पोस्ट में दी गयी है|

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हाइड्रोपोनिक खेती किसे कहते है (Hydroponic Farming is Called)

यह खेती करने का एक आधुनिक तरीका है, जिसमे बिना मिट्टी का प्रयोग किये आधुनिक तरीके से खेती की जाती है | यह हाइड्रोपोनिक खेती केवल पानी या पानी के साथ बालू और कंकड़ में की जाती है|

इसमें जलवायु नियंत्रण की जरूरत नहीं होती है | लगभग 15 से 30 डिग्री तापमान और 80 से 85 प्रतिशत आर्द्रता (Humidity) में हाइड्रोपोनिक खेती को किया जा सकता है|

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पोधो को पोषक तत्व कैसे प्राप्त होते है (How Plants Get Nutrients)

पौधों को बढ़ने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो कि उसे मिट्टी में उपस्थित तत्वों से प्राप्त होते है अगर मिट्टी का प्रयोग न किया जाये तो पौधों को पोषक तत्व कैसे प्राप्त होंगे| इसके लिए फास्फोरस, नाइट्रोजन, मैग्निशियम, कैलशियम, पोटाश, जिंक, सल्फर, आयरन जैसे पोषक तत्वों तथा खनिज प्रदार्थो को एक उचित मात्रा में मिलाकर मिश्रित कर लिया जाता है|

मिश्रण किये गए इस घोल को निर्धारित किये गए समय में देते रहना चाहिए | जिससे पौधों को सभी पोषक तत्व प्राप्त होते रहते है और पौधे आसानी से वृद्धि करते है|

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हाइड्रोपोनिक खेती करने का तरीका (Hydroponic Farming Method)

इस तकनीक में पाइप का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे कई छेद होते है, इन्हीं छेदों में पौधे लगाए जाते है | पौधे की जड़े पाइप के अंदर होनी चाहिए जहां पोषक तत्व युक्त पानी भरा होता है जिसमे जड़े डूबी रहती है | वर्तमान समय में इस तकनीक का इस्तेमाल केवल छोटे पौधों वाले फसलों की खेती में किया जा रहा है, जैसे:- शिमला मिर्च, मटर, मिर्च, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी, गाजर, शलजम, ककड़ी, मूली, आलू आदि |

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हाइड्रोपोनिक खेती में लगने वाली लागत (Cost Incurred in Hydroponic Farming)

इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करने में पहले अधिक लागत लगती है, किन्तु एक बार यह प्रणाली स्थगित हो जाती है | तब आप इसमें खेती कर अधिक लाभ कमा सकते है | इसमें कम जगह में अधिक पौधे उगाये जा सकते है | इसमें होने वाले खर्च की बात करे तो हाइड्रोपोनिक तकनीक स्थगित करने में प्रति एकड़ के क्षेत्र में तक़रीबन 50 लाख रूपए का खर्च होगा|

यदि आप छोटी जगह में इस तकनीक को स्थगित करना चाहते है तो 100 वर्ग फुट के क्षेत्र में लगभग 50,000 से 60,000 रूपए तक का खर्च आ सकता है | इतने क्षेत्र में तक़रीबन 200 पौधों को उगा सकते है | यदि आप चाहे तो अपने घर की छत पर भी इस तकनीक का इस्तेमाल कर खेती कर सकते है|

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हाइड्रोपोनिक खेती के लाभ (Benefits of Hydroponic Farming)

  • इस तकनीक का इस्तेमाल कर आप अधिक पानी की खपत से बच सकते है |
  • हाइड्रोपोनिक खेती में लगभग 90 प्रतिशत पानी की बचत होती है |
  • परंपरागत खेती की तुलना में हाइड्रोपोनिक खेती का इस्तेमाल कर कम जगह में अधिक पौधों को उगाया जा सकता है |
  • इस विधि द्वारा पोषक तत्व बिना किसी हानि के आसानी से पौधों को प्राप्त हो जाते है |
  • फसल भी अच्छी गुणवत्ता वाली होती है |
  • इस तकनीक में पौधे मौसम, जानवरों या किसी तरह के जैविक व अजैविक कारणों से प्रभावित नहीं होते है|

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हाइड्रोपोनिक खेती की स्थापना लागत (Hydroponic Farming Establishment Cost)

हाइड्रोपोनिक खेती (Hydroponic Farming) मिट्टी रहित खड़ी खेती है, जो शहरी कृषि में बहुत मददगार है। हम पानी के मिश्रण का उपयोग खनिजों की आवश्यक आवश्यकताओं के लिए करते हैं, जिनकी पौधों को आवश्यकता होती है। हम हाइड्रोपोनिक खेती में मिट्टी का उपयोग नहीं करते हैं। छोटी सी जगह में भी हम हाइड्रोपोनिक खेती कर सकते हैं। यह हाइड्रोपोनिक खेती को सटीक रूप से विकसित करने के लिए एक सटीक कृषि प्रणाली में काम करने के समान है। 5000 वर्ग फुट क्षेत्र में हाइड्रोपोनिक खेती शुरू करने के लिए आवश्यकताएं और स्थापना लागत इस प्रकार हैं-

हाइड्रोपोनिक खेती एक बार की स्थापना लागत (Hydroponic Farming One Time Establishment Cost)

  • पॉलीहाउस शेल्टर- 600000 INR
  • एनएफटी प्रणाली
  • पाइप्स (4 इंच) – 700000 रुपये
  • पाइप्स (2 इंच) – 12000 रुपये
  • पाइप कनेक्टर- 120000 रुपये
  • स्टैंड प्लेटफॉर्म (प्रत्येक में 32 पाइप रखें) – 1,00,000 रुपये
  • टैंक (20000-लीटर) – 55000
  • 2 प्लास्टिक टैंक (1000 लीटर) – 15000 रुपये
  • प्लास्टिक टैंक (5000 लीटर) – 22000 रुपये
  • 4 वाटर पंप 1-एचपी – 30,000 रुपये
  • 2 पानी पंप (0.5-एचपी) – 10000 रुपये  
  • नेट कप- 1,00,000 और 20000 प्लस
  • वाटर कूलर- 60,000 रुपये
  • आरओ सिस्टम- 50000 रुपये
  • पीएच मीटर- 1200 रुपये
  • टीडीएस मीटर- 2000 रुपये
  • श्रम लागत- 10000 रुपये

कुल एकमुश्त लागत- 18,87,200 से 20,00,000 रुपये |

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हाइड्रोपोनिक खेती के नुकसान (Hydroponic Farming Disadvantages)

हालांकि हाइड्रोपोनिक खेती एक लाभदायक व्यवसाय संयंत्र है फिर भी हाइड्रोपोनिक खेती के कुछ नुकसान हैं, जो इस प्रकार है-  

  • सेटअप लागत बहुत अधिक है
  • हाइड्रोपोनिक सेटअप की जटिल संरचना के साथ प्रारंभिक लागत बहुत अधिक है। यही मुख्य कारण है कि ज्यादातर लोग हाइड्रोपोनिक खेती करने से हिचकिचाते हैं। लोगों का मानना ​​है कि हाइड्रोपोनिक खेती की स्थापना की तुलना में सस्ती कीमत पर, वे अन्य कृषि व्यवसाय आसानी से स्थापित कर सकते हैं।  
  • सेटअप कार्यान्वयन में समय लगता है
  • एक छोटे से कमरे में भी हाइड्रोपोनिक फार्म स्थापित करना आसान नहीं है। 
  • रखरखाव का काम मुश्किल है। मशरूम की खेती की स्थापना की तुलना में इसमें अधिक समय लगता है। 
  • यदि आप हाइड्रोपोनिक फार्म के नियमित पीएच और टीडीएस की जांच नहीं करते हैं तो यह गारंटी नहीं है कि आपका व्यवसाय दांव पर है। ठीक से काम करने के लिए आपको ऑक्सीजन की आपूर्ति की जांच करनी होगी।
  • संपूर्ण हाइड्रोपोनिक खेती की व्यवस्था को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करना बहुत कठिन है
  • मान लीजिए कि आप हाइड्रोपोनिक खेती के लिए वर्तमान स्थान के साथ ठीक नहीं हैं और आपने वहां हाइड्रोपोनिक फार्म स्थापित किया है तो पूरे सेटअप को दूसरी जगह स्थानांतरित करना आसान नहीं है। इसमें बहुत अधिक समय, ऊर्जा और लागत लगती है।
  • हाइड्रोपोनिक प्रशिक्षण आवश्यक है
  • हाइड्रोपोनिक प्रशिक्षण के बिना आप हाइड्रोपोनिक व्यवसाय को बनाए रखने या चलाने के बारे में नहीं सोच सकते। यदि आप पाठ्य ज्ञान के आधार पर कदम बढ़ाते हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आप अपने हाइड्रोपोनिक फार्म के साथ कई गलतियाँ करेंगे। यह आपके पूरे निवेश रिटर्न को प्रभावित कर सकता है। 

कुछ अन्य नुकसान (Some Other Disadvantages)

  • मिट्टी की फसल की खेती से महंगा निवेश का अधिकांश हिस्सा हाइड्रोपोनिक्स और बिजली की स्थापना में उपयोग होता है। 
  • हाइड्रोपोनिक फार्मिंग सेटअप में हर पौधे या कम से कम कई पौधों के पीएच और टीडीएस के बारे में ज्ञान की आवश्यकता है।
  • दैनिक और साप्ताहिक आधार पर उचित और नियमित रखरखाव की आवश्यकता है। 
  • सामान्य शुरुआत करने वालों के लिए सफलता दर इतनी कम है। 
  • पीएच और टीडीएस मेंटेनेंस में एक गलती से मृत्यु दर बढ़ सकती है। 
  • पारंपरिक किसान ऐसा नहीं कर सकते। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह सभी के लिए संभव है लेकिन व्यावहारिक रूप से पारंपरिक किसान हाइड्रोपोनिक खेती में इतनी बड़ी राशि का निवेश नहीं कर सकते हैं।  

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