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देसी मुर्गी [Deshi Murgi] से सम्बंधित जानकारी
हमारे देश में मुर्गी पालन का व्यवसाय भी काफी लोकप्रिय व्यवसाय है | आज के समय में देश के तक़रीबन 25-30 लाख लोग मुर्गी पालन से रोगजार पा रहे है | मुर्गी पालन के व्यवसाय में आप दो तरह की मुर्गियों का पालन कर आय अर्जित कर सकते है | इसमें सामान्य मुर्गी पालन और देसी मुर्गी पालन शामिल है | देसी मुर्गी पालन को कम जगह में भी करके अच्छी कमाई कर सकते है | इसमें बहुत कम लागत और थोड़ी पूँजी की जरूरत होती है | चीन और अमेरिका के बाद अंडा उत्पादन के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है, और मांस उत्पादन में भारत को 5वा स्थान प्राप्त है |
मुर्गी पालन को पोल्ट्री फार्मिंग या कुक्कुट पालन भी कहते है | अगर सही प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह व्यवसाय आरम्भ किया जाए तो मुर्गी पालन से अधिक लाभ लिया जा सकता है | बाजार में देसी मुर्गी के अंडे और मांस के अच्छे दाम मिल जाते है | देसी मुर्गी पालन के लिए मुर्गी का चयन और पालन की प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर आप मुर्गी पालन कर सकते है | यहाँ पर आपको देसी मुर्गी पालन [Deshi Murgi Palan] कैसे करें, देसी मुर्गी पालन के बारे में जानकारी दी जा रही है |
मुर्गी पालन का इतिहास (Poultry History)
भारत में मुर्गी पालन का व्यवसाय प्राचीन समय से किया जा रहा है | हमारे देश में तक़रीबन 5000 वर्ष पहले ही पोल्ट्री फार्म के व्यवसाय की शुरुआत की जा चुकी है | मौर्य साम्राज्य में मुर्गी पालन उनका प्रमुख उद्योग रहा है | वह खेती के अलावा मुर्गी पालन भी किया करते थे | उन्नीसवीं शताब्दी के पश्चात् इसे व्यवसाय के रूप में पहचान मिल गयी | जिसके बाद से पोल्ट्री फार्म का व्यवसाय काफी लोकप्रिय व्यवसाय के रूप में बना हुआ है |
देशी मुर्गी की नस्लें (Native Chicken Breeds)
देसी मुर्गी में भी कई प्रजातियां मौजूद है, जिनकी अपनी अलग-अलग विशेषताएँ होती है, यहाँ पर आपको मुख्य प्रजातियों की जानकारी दी जा रही है:-
- ग्रामप्रिया देसी मुर्गी :- इस प्रजाति की मुर्गी से हमें अंडे और मांस दोनों का उत्पादन मिलता है | ग्रामप्रिया मुर्गी का वजन 1500 GM से 2000 GM के आसपास होता है | इस क़िस्म के मांस का इस्तेमाल सबसे अधिक तंदूरी चिकन बनाने के लिए करते है | ग्रामप्रिया एक वर्ष में औसतन 210 से 225 अंडो का उत्पादन दे देती है | जिसमे अंडो का भार 57 से 60 GM और रंग भूरा होता है |
- श्रीनिधि :- इस प्रजाति की मुर्गी का वजन 2.5 से 5 KG तक होता है | गावो की मुर्गियों की तुलना यह अधिक वजनी होती है | श्रीनिधि मुर्गियों से तो तरह से लाभ कमा सकते है | इस प्रजाति की मुर्गी से आपको अधिक मांस और अंडे दोनों ही मिल जाते है, जो अधिक मुनाफा देने में सक्षम है | इस प्रजाति की मुर्गिया अधिक तेजी से विकास करती है |
- वनराजा देसी मुर्गी :- देसी मुर्गी की यह प्रजाति भी काफी अच्छी मानी जाती है | वनराजा मुर्गिया वर्ष में 120 से 140 अंडे दे देती है | हालाँकि अन्य प्रजातियों की तुलना में यह प्रजाति थोड़ा कम सक्रिय है |
देसी मुर्गी पालन के फायदे (Domestic Poultry Farming Benefits)
- देसी मुर्गी का मांस अधिक स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है |
- बाज़ारो में भी देसी मुर्गी की अधिक डिमांड रहती है |
- बाजार में इसके अच्छे दाम मिल जाते है |
- किसान भाई इसका पालन बैकयार्ड मुर्गी के रूप में भी कर सकते है |
- गरीब किसान देसी मुर्गी पालन को अपनी कमाई का जरिया बना सकते है |
- देसी मुर्गी पालन कम लागत में भी कर सकते है |
- आमदनी बढ़ाने में किसानो का अतिरिक्त साधन बन सकता है |
देसी मुर्गी पालन कैसे करे (Desi Poultry Farming)
किसी भी तरह के मुर्गी पालन में उनका भविष्य पोषण पर निर्भर होता है | अगर आप पाली गयी मुर्गियों को अच्छा पोषण देंगे तो उनका विकास भी उतना ही अच्छा होगा | आज-कल बाज़ारो में मुर्गियों के लिए आसानी से पोषित आहार मिल जाता है | जिसे खरीद कर मुर्गियों को दे सकते है | लेकिन अगर आप बाजार से आहार नहीं खरीदना चाहते है, तो आप घर पर भी आहार तैयार कर खिला सकते है |
आहार तैयार करते समय एक बात का ख्याल रखे कि आहार दूषित या उसमे किसी तरह की हानिकारक चीज न मिली हो | ख़राब व् हानिकारक आहार से मुर्गियों की मृत्यु भी हो सकती है |
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घर पर देसी मुर्गी का पालन (Domestic Poultry Farming at Home)
यदि आपके घर में काफी जगह है, तो आप अपने घर में भी देसी मुर्गियों का पालन सरलता से कर सकते है | मुर्गी पालन में मुर्गियों के लिए ऐसी जगह होनी चाहिए, जहा उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो और वह आराम से रह सके | इसके अलावा केवल आपको मुर्गियों के लिए पोषित आहार पर ध्यान देना होता है, क्योकि मुर्गी के मांस और अंडे देने की क्षमता उसके खान-पीन पर निर्भर करती है | इस तरह घर पर भी देसी मुर्गी का पालन किया जा सकता है | कुछ लोग तो घर की छतो पर ही मुर्गी पालन कर लेते है, अगर आपके पास भी बड़ी छत है, तो मुर्गियों को वहां भी पाला जा सकता है |
देसी मुर्गी पालन में ध्यान रखने योग्य बाते (Domestic Poultry Farming Important Things)
अगर आप छोटे पैमाने पर देसी मुर्गी का पालन कर रहे है, तो आपको शेड तैयार करने की जरूरत नहीं होती है | किन्तु बड़े पैमाने पर व्यापारिक तौर पर देसी मुर्गी का पालन करने के लिए वैज्ञानिक पद्धति को अपनाना होता है | अगर योजनाबद्ध तरीके से देसी मुर्गी का पालन किया जाए तो कम लागत में भी अधिक कमाई की जा सकती है | इसके लिए बस तकनीकी चीजों पर ध्यान देना होता है | रख-रखाव में कमी और लापरवाही से मुर्गियों को हानि पहुँचती है, तथा उनके मरने जैसी समस्या भी देखने को मिल सकती है | तकनीकी चीजों पर ध्यान देने के लिए फार्म निर्माण के दौरान इस बात का ध्यान रखे कि फार्म ऐसी जगह पर हो जहा पानी और बिजली की उचित व्यवस्था हो, तथा फार्म मैन रोड से दूर भी होना चाहिए | फार्म को भूमि से ऊंचाई पर बनाए, ताकि फार्म में जलभराव न हो सके |
एक स्थान पर दो पोल्ट्री फार्म न हो, तथा फार्म की लंबाई पूरब से पश्चिम की तरफ हो | फार्म की ऊंचाई मध्य में 12 फ़ीट और साइड में 8 फ़ीट तक हो | इसकी अधिकतम चौड़ाई 25 फ़ीट और शेड का अंतर न्यूनतम 20 फ़ीट होना चाहिए | पोल्ट्री फार्म की फर्श पक्की होनी चाहिए |
एक शेड में केवल एक ही ब्रीड के चूजों का पालन करे | इसके अलावा आल-इन आल-आउट पद्धति पालन करने के साथ ही बर्तनो की निरंतर साफ़ सफाई करते रहे | शेड के अंदर बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित रखे, तथा चूहा, कुत्ता, गिलहरी से मुर्गियों की हमेशा देखभाल करे | मरे हुए चूजों और वैक्सीन की खाली बोतलों को जलाकर नष्ट कर दे | टीकाकरण नियमो का पालन करे शेड के बाहर समय-समय पर दवाई का छिड़काव करे|
देसी मुर्गी आहार खपत (Desi Chicken Diet Consumption)
एक एवरेज के अनुसार यह देखा गया है, कि एक मुर्गी तक़रीबन 100 GM फीड करती है | अगर आपने 50 मुर्गिया पाली है, तो 50 मुर्गीया 5 KG आहार को फीड करेंगी | यदि 1 KG फीड की कीमत 20 रूपए है, तो आपका खर्च 250 रूपए आएगा | इस तरह से 50 मुर्गियों के फीड पर 3 हज़ार रूपए खर्च होंगे और 500 रूपए दवा का खर्च और 500 रूपए अन्य खर्च रख ले, तो कुल खर्च 4000 रूपए के आसपास बैठता है |
देसी मुर्गी पालन के लिए प्रशिक्षण (Indigenous Poultry Farming Training)
अगर आपने कभी मुर्गी पालन का कार्य नहीं किया है, तो देसी मुर्गी पालन करने से पहले आपको प्रशिक्षण लेना जरूरी होता है | लेकिन अगर आप पहले भी मुर्गी पालन कर चुके है, तो बिना प्रशिक्षण के भी आप देसी मुर्गी पालन कर सकते है | आज के समय में लगभग सभी राज्यों के शहरी एवं ग्रामीण इलाको में पोल्ट्री फार्मिंग के लिए मुफ्त में प्रशिक्षण दिया जा रहा है |
मुर्गी पालन के लिए लोन (Poultry Loan)
मुर्गी पालन के क्षेत्र का विस्तार करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाए चला रही है | इन योजनाओ में देसी मुर्गी पालन लोन योजना भी शामिल है | अगर आप देसी मुर्गी का पालन करना चाह रहे है, तो किसी भी बैंक में जाकर देसी मुर्गी पालन के लिए लोन आवेदन कर सकते है, और लोन प्राप्त करके मुर्गी पालन शुरू कर सकते है |
इसमें सबसे खास बात यह है, कि यहाँ पर आपको सरकार 0% ब्याज की दर पर ऋण (Loan) दे देती है | इसके अलावा लोन पर सब्सिडी भी दी जाती है| जिसमे सामान्य श्रेणी (General Category) के लोगो को 25% सब्सिडी, एसटी / एससी श्रेणी वाले लोगो को 35% तक सब्सिडी की सुविधा दी जाती है |
देसी मुर्गी पालन से कमाई (Desi Poultry Farming Earning)
अगर आप 50 देसी मुर्गियों का पालन करते है | तो आप रोजाना मुर्गी के अंडो को बेचकर 300 से 700 रूपए तक कमा सकते है | यदि मुर्गी की बात की जाए तो देसी मुर्गी की कीमत 300 से 700 रूपए तक जगह के अनुसार कम ज्यादा होती है | इस तरह से आप मुर्गी और उनके अंडो की बिक्री कर काफी अच्छी कमाई कर सकते है |
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