Table of Contents
काले टमाटर (Black Tomato) की खेती से सम्बंधित जानकारी
आपने सामान्य तौर पर लाल रंग के टमाटर ही देख होंगे | लेकिन क्या आपने कभी काले टमाटरों के बारे में सुना है, तो यहाँ पर हम आपको बता दे कि काले टमाटर की खेती अब भारत में भी की जाने लगी है | विशिष्ट रूप से दिखने वाला यह काला टमाटर अपने इस काले रंग की वजह से काफी लोकप्रिय है, जिसे लोग हाथो हाथ खरीद भी रहे है | काले टमाटर को अंग्रेजी में रोज़ टोमेटो कहते है | इस टमाटर की खास बात यह है, कि इसका प्रयोग कैंसर की बीमारी से लड़ने के अलावा और भी कई बीमारियों में किया जाता है | भारत में भी अब काले टमाटर की खेती आरम्भ हो चुकी है | सबसे पहले यूरोप में काला टमाटर या इंडिगो रोज रेड की नर्सरी तैयार की गयी थी | इसमे बैंगनी टमाटर और इंडिगो रोज रेड के बीजो को मिलाकर एक नए बीज का निर्माण किया गया, जिससे हाइब्रिड टमाटर की उत्पत्ति हुई |
काले टमाटर के बीजो को आप ऑनलाइन भी मंगा सकते है | इसके बीज का एक पैकेट 110 रूपए का है, जिसमे लगभग 130 बीज होते है | अपने खास तरह के लुक की वजह से काला टमाटर लोगो के बीज अधिक पसंद किया जा रहा है | ऐसे में अगर आप भी किसी नई तरह की खेती करने की सोच रहे है, तो यहाँ पर आपको काले टमाटर की खेती कैसे करे (Black Tomato Farming) टमाटर की उन्नत किस्मे [Varities] की जानकारी दी जा रही है |
काले टमाटर की विशेषताए (Black Tomatoes Characteristics)
काले टमाटर की खेती सर्वप्रथम इंग्लैंड में की गयी है, जिसका श्रेय रे ब्राउन को समर्पित है | उन्होंने जेनेटिक मुटेशन के माध्यम से काले टमाटर की किस्म तैयार की थी | इस काले टमाटर की कुछ विशेषताए इस प्रकार है:-
- प्रारंभिक अवस्था में यह टमाटर काला और पक जाने पर पूरा काला हो जाता है |
- यह इंडिगो रोज टोमेटो के नाम से भी पुकारा जाता है |
- यह तुड़ाई के बाद भी कई दिन तक ताज़ा बना रहता है |
- काला टमाटर न ही जल्दी ख़राब होता है, और न ही सड़ता है |
- इस तरह के टमाटर में बीज काफी कम होते है |
- यह टमाटर ऊपर से देखने में काला और भीतर से लाल होता है |
- काले और लाल टमाटर के बीज एक जैसे ही होते है |
- लाल टमाटर की तुलना में इसका स्वाद कुछ-कुछ नमकीन होता है |
- कम मिठास होने की वजह से यह शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद टमाटर है |
- इसे डायबिटीज और दिल के मरीज आसानी से खा सकते है |
काले टमाटर में मौजूद औषधीय गुण (Black Tomatoes Medicinal Properties)
- इस टमाटर में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पायी जाती है |
- काले टमाटर में प्रोटीन, विटामिन ए, सी मिनरल्स पाए जाते है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है |
- इसमे फ्री रेडिकल्स से लड़ने की क्षमता होती है, जिस वजह से कैंसर के बचाव में काफी मदद मिलती है |
- इसमे एंथोसाइनिन पाया जाता है, जो हार्ट अटैक के बचाता है |
- इसमे अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है, जो वजन कम करने में मददगार है |
- अगर आप डायबिटीज से लड़कर हार मान चुके है, तो काला टमाटर आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है |
काले टमाटर की उन्नत किस्में (Black Tomatoes Improved Varieties)
- फ़ारेनहाइट ब्लूज |
- हेल्सिंग जंक्शन ब्लूज |
- इंडिगो ब्लू बेरीज |
- सनब्लैक |
- पर्पल बंबलबी |
- ब्लैक ब्यूटी |
- ब्लू बायो |
- ब्लू चॉकलेट |
- ब्लू गोल्ड |
- डांसिंग विथ स्मर्फस |
- डार्क गैलेक्सी |
- इंडिगो रोज़ |
- इंडिगो रब |
काले टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु व भूमि का चयन (Black Tomatoes Cultivation Suitable Climate and Land Selection)
भारत की जलवायु को काले टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त माना गया है, इसे भी आप लाल टमाटर की तरह ही ऊगा सकते है | काले टमाटर की क़िस्म ठंडे स्थानों में ठीक से विकास नहीं कर पाती है | इसके लिए गर्म जलवायु वाला क्षेत्र उपयुक्त होता है | इसके लिए कार्बनिक गुणों से युक्त जीवांश वाली दोमट मिट्टी की जरूरत होती है | चिकनी दोमट मिट्टी में भी काले टमाटर को ऊगा सकते है | उचित जल निकासी वाली भूमि जिसका P.H. मान 6-7 के मध्य हो |
काले टमाटर की खेती के लिए 10 से 30 डिग्री का तापमान उपयुक्त होता है, तथा 21 से 24 डिग्री तापमान पर पौधे ठीक से वृद्धि करते है | भारत में काले टमाटर की खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और बिहार के कई किसानो द्वारा की जा रही है |
काले टमाटर के बीजो की बुवाई का समय (Black Tomato Seed Sowing Time)
काले टमाटर के बीजो की बुवाई सर्दियों में जनवरी के महीने में की जाती है | इसके बाद गर्मी के मौसम यानि मार्च से अप्रैल में काले टमाटर की पैदावार मिलने लगती है |
काले टमाटर की नर्सरी कैसे तैयार करे (Black Tomato Nursery Prepare)
काले टमाटर के बीजो की रोपाई के लिए रोपाई से पहले नर्सरी की मिट्टी को भुरभुरा कर ले | इसके बाद बीजो को भूमि की सतह से 20 से 25 CM की ऊंचाई पर लगाना होता है | नर्सरी में बीजो की रोपाई के 30 दिन पश्चात् खेत में पौध रोपाई कर दे |
काले टमाटर की खेती में उर्वरक प्रबंधन (Black Tomato Cultivation Fertilizer Management)
काले टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए उचित उवर्रक का प्रबंधन करना जरूरी होता है | इसके लिए प्रति हेक्टेयर के खेत में 100 KG नाइट्रोजन, 60 KG पोटाश और 60 KG सल्फर की मात्रा को मिलाकर देना पड़ता है| खाद देते समय यह ध्यान रखे कि रोपाई में आप यूरिया की जगह अमोनियम सल्फेट या दूसरी मिश्रित खाद का प्रयोग करे | जैविक खाद को फायदेमंद माना जाता है, इसलिए पौध रोपाई के दौरान गोबर खाद या कंपोस्ट खाद दे |
काले टमाटर के खेत में सिंचाई प्रबंधन (Black Tomato Field Irrigation Management)
काले टमाटर की खेती में आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी होती है| सिंचाई के लिए टपक विधि का इस्तेमाल करे, तथा भूमि में नमी कम न होने दे | सिंचाई के पश्चात् भी अगर सूखी मिट्टी दिखाई दे, तो खुरपी द्वारा मिट्टी को ढीला कर खरपतवार को निकाल देना उचित होता है | इसके अलावा समय-समय पर निराई-गुड़ाई कर खरपतवार नियंत्रण करना जरूरी होता है|
काले टमाटर की खेती से कमाई (Black Tomato Cultivation Earning)
काले टमाटर में लाल टमाटरों की तुलना में अधिक औषधीय गुण पाए जाते है, जिस वजह से बाज़ारो भी काले टमाटर की अधिक मांग बनी हुई है | इसके आकर्षक रंग को देखकर ग्राहकों की उत्सुकता खरीदने में और बढ़ जाती है | इसकी खेती में भी उतना ही खर्च आता है, जितना लाल टमाटर की खेती में होता है| इसमे केवल बीज के लिए अलग से खर्च करना पड़ता है| अगर सभी खर्चो को निकाल दे तो प्रति हेक्टेयर के खेत में काले टमाटर की खेती से 4-5 लाख रुपए की कमाई की जा सकती है |