जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं | सबसे अच्छा कीटनाशक | फायदें | Organic Pesticides in Hindi


जैविक कीटनाशक (Organic Pesticides) से सम्बंधित जानकारी

किसानों के लिए अपनी फसलों को विभिन्न प्रकार के कीटो और उनसे होने वाले रोगो से बचाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होती है | इसके लिए किसान भाई अनेक जतन करते है, यहाँ तक कि वह फसलों में लगने वाले कीटों से सुरक्षित रखने के लिए वह विभिन्न प्रकार के रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं | जो वातावरण को प्रभावित करने के साथ ही हमारे स्वास्थ्य को भी हानि पहुचाते है | सबसे खास बात यह है, कि मार्केट में उपलब्ध रासायनिक कीटनाशक दवाये काफी महँगी होती है |




यदि किसान इसके स्थान पर जैविक कीटनाशक दवाओं का उपयोग करे, तो वह पर्यावरण को सुरक्षित रखनें के साथ ही हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा इसके साथ ही किसान भाइयों का पैसा भी बचेगा, इसका मुख्य कारण यह है, कि किसान भाई इसे अपने घर पर ही बड़ी आसानी से तैयार कर सकते हैं। जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं (Organic Pesticides in Hindi), इसे तैयार करने की विधि के साथ ही सबसे अच्छा कीटनाशक और इसके फायदे के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विस्तार से प्रदान की जा रही है | 

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जैविक कीटनाशक क्या होता है ?

दरअसल जैविक कीटनाशक विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक पदार्थों पर आधारित कीटनाशक होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की फसलों को कीटों तथा रोगों से सुरक्षित कर उत्पादन बढ़ाने में सहयोग प्रदान करते है |

जिससे पर्यावरण प्रदूषण को कम कर मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर रोकने के साथ-साथ मित्र कीटों का संरक्षण होने के साथ ही विषमुक्त फसल, फल एवं सब्जियों का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में किया जा सकता है।

जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं (How to Make Organic Pesticides)

भारत में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है | सरकार के इसी प्रयास से देश के कुछ राज्यों में सिर्फ जैविक खेती ही की जा रही है | इन राज्यों के कृषक अपनी फसलों को विभिन्न प्रकार के कीटों और रोगों से बचाने के लिए वह स्वयं से घर में तैयार की गयी जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करते है | यदि आप भी अपनें खेतों में घर में तैयार की गयी जैविक कीटनाशक का उपयोग करना चाहते है, तो इसे बनाने की प्रक्रिया इस प्रकार है –

1. नीम से जैविक कीटनाशक कैसे बनाये

नीम की पत्ती, खली और इसके तेल द्वारा निर्मित जैविक कीटनाशक से फसलों को कीटों से बड़ी आसानी से बचा सकते है | इससे कीटनाशक बनानें की विधि इस प्रकार है –

  • सबसे पहले नीम की पत्तियों को एकत्र कर उन्हें ठंड में सूखाये |
  • पत्तियों के पूर्ण रूप से सूख जाने पर उन्हें पर्याप्त पानी में रात भर डूबा कर रखें |
  • इसके बाद नीम की पत्ती वाले पानी का छिड़काव पौधों पर कर दें |
  • इस छिड़काव के बाद फसल पर कीट का प्रभाव नहीं होगा |
  • इस पानी का उपयोग आप बैंगन के पौधौ पर भी कर सकते है |
  • तना छेदक कीटबैगन के पौधों को नुकसान बहुत अधिक करते है, ऐसे में इस पत्ती के पानी और नीम के तेल का छिड़काव से कीटों प्रकोप कम हो जाता है |  

2. नीम की खली के अर्क की दवा

सामग्री- नीम की खली के अर्क की दवा बनानें के लिए 3 किलोग्राम (KG) कुटी हुई निबोली अथवा 5 किलोग्राम निबोली की खली की आवश्यकता होगी |

दवा बनाने की विधि
  • 3 किलोग्राम (KG) कुटी हुई निबोली को लगभग 15 से 16 लीटर पानी में तीन दिनों तक फूलने दे |
  • इसके पश्चात चौथे दिन धतूरे का रस 100 ग्राम, हरी मिर्च 250 ग्राम को कूटकर इससे लगभग 3 लीटर अर्क निकाल ले |
कीटनाशक के उपयोग का तरीका
  • लगभग 15 लीटर शुद्ध पानी में 1.5 लीटर अर्क को मिलाकर इसका छिड़काव प्रातःकाल करे |
  • यह दवा पौधों और पत्ते पर लगने वाले कीटों, मच्छर और माहू आदि से बचाव के लिए बहुत ही प्रभावकारी है|
  • आपको इस बात का ध्यान रखना होगा, कि इस कीटनाशक का उपयोग लगभग 1 माह पुरानी फसल पर ही करे| 

3. सबसे अच्छा कीटनाशक

सामग्री

  • आपको देसी बैल या देशी गाय का मूत्र लगभग 20 लीटर किसी बर्तन में डालकर उसमें 2.5 किलो नीम कीनिम्बोली या पत्तियों को पीसकर मूत्र में मिलाये |
  • इस मिश्रण में लगभग 2.5 किलो धतूरे के पत्तों को पीसकर उसकी चटनी बनाकर उसमें मिला दें |
  • इसके अलावा आप 2.5 किलो अर्कमदार के पत्ते की चटनी बनाकर उसी बर्तन में मिलाएं|
  • कद्दू या सीताफल के पौधे के 2.5 किलो पत्तों की चटनी पीसकर मिलाए |
  • इस मिश्रण में लगभग 750 ग्राम तक तम्बाकू का पाऊडर मिलाए |
  • इसके साथ ही लाल मिर्च का पाऊडर लगभग 1 किलो मिश्रण में मिलाये |

जैविक कीटनाशक बनाने की विधि

इस प्रकार इन सभी पेड़ों कि पत्तियों को पीसकर तैयार मिश्रण में मिलाने के बाद आपको अच्छी तरह से उबलना होगा | इसके पश्चात इसे ठंडा कर छानकर इसे बोतलों में एकत्र कर लीजिये | इस प्रकार आप जैविक कीटनाशक घर में तैयार कर सकते है।

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कीटनाशक का इस्तेमाल कैसे करें

1 लीटर कीटनाशक में आपको लगभग 20 लीटर पानी मिलाना है | इसी प्रकार यदि आपने कीटनाशक लगभग 10 लीटर लिया है, तो आपको उसमें 200 लीटर पानी मिलाना होगा | पानी मिलाने के बाद तैयार मिश्रण को आप अपनी फसलों पर छिड़काव कर सकते हैं | यह छिड़काव करनें के बाद 2 से 3 दिनों में आप देखेंगे कि फसल पर किसी भी प्रकार के कीट दिखाई नही देंगे |  

जैविक कीटनाशक के फायदें (Organic Pesticides Benefits)

  • जीवों एवं वनस्पतियों पर आधारित उत्पाद होने के कारण, जैविक कीटनाशक लगभग एक महीने में मिट्टी में मिलकर अपघटित हो जाते है, और इनका कोई अंश अवशेष नहीं रहता।
  • जैविक कीटनाशक केवल लक्षित कीटों एवं बीमारियों को मारते है, जबकि रासायनिक कीटनाशकों से मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं।
  • रासायनिक कीटनाशकों के लगातार इस्तेमाल करने से कीटों की प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती जा रही है, जो भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
  • खेतों में जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करनें से कीटों के जैविक स्वभाव में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होता |
  • सफेद मक्खी अब अनेक फसलो तथा चने का फली छेदक अब कई अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचाने लगी है।
  • जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करनें के पश्चात तुरन्त ही फलों और सब्जियों आदि की कटाई कर प्रयोग में ला सकते है |
  • जैविक कीटनाशक के साथ ही यह पर्यावरण एवं परिस्थितकीय का संतुलन बनाये रखने में सहायक हैं।

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